संध्या यादव की कविताऍं
-
एक
*दिसंबर -जनवरी*
1
दिसंबर
मन पर लगा
ज़ख्म है
जनवरी
जिस पर
तेज नाखूनों से
हल्दी-फिटकरी का
लेप लगाता
है...
०००
*चित्र *
*संद...
2 दिन पहले
yah blog mujhe jo rachanayen achchhi lagati hai ya jo mujhe priy hai.ya jo koi naya mahatvapurna hoga usake liye banaya hai.
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